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श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम् ।
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
एडवर्टाइज विथ असप्राइवेसी पॉलिसीकॉन्टैक्ट अससेंड फीडबैकअबाउट असकरियर्स थीम
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
The daughter of your mountain that is finish in herself, who is likewise flying inside the sky, aid me acquire mastery above the chant in the Goddess of Devi Mahatmya/ Saptashati
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
Swamiji states, “A compelling desire is a thing that would make us rise up and website also to the fullest capacity assert ourselves to the furtherance of your objective. The key should be to center on the mantras.”
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।। । इतिश्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वती संवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।